आयोजक
संघवी श्रीमती पंकजबाई ताराचंदजी बोराणा राठौड़
संघवी सौ. उषाबाई भवरलालजी बोराणा राठौड़
सिरोही (राजस्थान) हाल निगड़ी (पुणे)
धार्मिक सेवा एवं साधना की दिव्य यात्रा
भगवान की असीम कृपा और आचार्य भगवंतों के पावन आशीर्वाद से इस परिवार को निम्नलिखित पुण्य कार्यों में सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ—
01

तीन भव्य शिखरबद्ध जिनालयों के निर्माण में तन-मन-धन से सहभागी बनने का परम अवसर प्राप्त हुआ:
02

रजत से निर्मित भगवान शांतिनाथ दादा एवं सिद्धचक्र की अनुपम प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा का दुर्लभ पुण्य लाभ प्राप्त किया।
03

भगवान चंद्रप्रभु स्वामी की प्रतिमा के भराई एवं बिराजमान का पावन अवसर मिला।
04

भगवान मुनिसुव्रत स्वामी की प्रतिमा के भराई एवं बिराजमान का महापुण्य संचित हुआ।
05

भगवान सुपार्श्वनाथ दादा की प्रतिमा के भराई एवं प्रतिष्ठा का पुण्य लाभ प्राप्त किया।
06

भगवान आदिनाथ (आदेश्वर भगवान) की प्रतिमा के भराई एवं बिराजमान का वंदनीय अवसर प्राप्त किया।
07

श्री नाकोड़ा भैरवजी की प्रतिमा के भराई एवं बिराजमान का अनमोल पुण्य लाभ अर्जित किया।
08

परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी महाराज की प्रतिमा के भराई एवं प्रतिष्ठा का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ।
09

परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री राजेन्द्रसूरीजी महाराज की प्रतिमा के भराई एवं बिराजमान का अतुल्य सौभाग्य मिला।
10

उपधान तप के आयोजन के माध्यम से साधकों को साधना का मधुर अवसर प्रदान करने का सौभाग्य मिला।
11

पावन पालीताणा महातीर्थ में सामूहिक चातुर्मास का दुर्लभ लाभ प्राप्त कर पुण्य संचय किया।
12

श्री शंखेश्वर महातीर्थ में अठम तप के आयोजन में सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।
13

श्री समेतशिखर एवं श्री शत्रुंजय तीर्थ की विशेष रेल यात्रा द्वारा 1000 से अधिक श्रद्धालुओं को तीर्थ यात्रा करवाने का पुण्य अवसर प्राप्त हुआ।
14

500 से अधिक श्रद्धालु जोड़ों द्वारा भव्य उवसग्गहरं स्तोत्र पूजन संपन्न कर पुण्य बंध का शुभ अवसर मिला।
15

गिरनारजी जैसे परम पवित्र तीर्थ की दिव्य यात्रा कर पुण्य संचय का गौरव प्राप्त किया।
16

भगवान के माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी, प्रियंवदा दासी एवं भगवान की बहन के चढ़ावे का सौभाग्य प्राप्त किया।